प्रोएक्टिव (Proactive)

परिभाषा:

प्रोएक्टिव (Proactive) का मतलब होता है – पहले से सोचना, योजना बनाना और कार्य करना। प्रोएक्टिव व्यक्ति परिस्थितियों का इंतज़ार नहीं करता, बल्कि खुद पहल करता है।

मुख्य बिंदु:

  1. प्रोएक्टिव व्यक्ति भविष्य की सोच रखता है।
  2. वह समस्या आने से पहले उसका समाधान खोजने की कोशिश करता है।
  3. वह जिम्मेदारी लेता है और बहाने नहीं बनाता।
  4. वह आत्म-प्रेरित होता है और बाहरी दबाव के बिना भी काम करता है।
  5. समय का सदुपयोग करता है और अपने कार्यों को समय से पहले पूरा करता है।
  6. कोई गलती हो गई हो तो दोष देने की बजाय यह सोचें: “मैं इसे बेहतर कैसे कर सकता हूँ?”
  7. नए सुझाव लेकर आएँ और इंतज़ार न करें कि कोई कहे।
  8. ग्राहकों, किताबों, या सिस्टम से जुड़ी दिक्कतें देखकर सक्रिय रूप से समाधान सुझाएँ।
  9. अपने काम से पहले और बाद में क्या होता है उसे समझें, सीखें और करें। 
  10. कंही भी कुछ सुधार की सम्भावना मिले तो तुरंत डायरेक्टर सर को बता दें।

उदाहरण:

एक छात्र जो परीक्षा की तारीख आने से पहले ही अपनी तैयारी शुरू कर देता है, वह प्रोएक्टिव है। 

रिएक्टिव (Reactive)

परिभाषा:

रिएक्टिव व्यक्ति वह होता है जो किसी घटना या परिस्थिति के घटने के बाद प्रतिक्रिया देता है। वह पहले से योजना नहीं बनाता बल्कि जो होता है, उसी के अनुसार चलता है। 

मुख्य बिंदु:

  1. रिएक्टिव व्यक्ति हमेशा हालात के अनुसार प्रतिक्रिया करता है।
  2. वह भावनाओं के प्रभाव में आकर काम करता है जैसे गुस्सा, डर या घबराहट।
  3. वह अक्सर दूसरों को दोष देता है और जिम्मेदारी नहीं लेता।
  4. उसके पास आत्म-नियंत्रण की कमी होती है।
  5. वह काम को टालता और अंतिम समय में करता है, जिससे तनाव बढ़ता है। 

उदाहरण:

एक छात्र जो परीक्षा की तारीख आने के बाद ही घबराकर पढ़ाई शुरू करता है, वह रिएक्टिव है।

Reactive Hone Ki Bhasha – वाक्य और सोचने का ढंग  

  1. भावनात्मक और नियंत्रण खोने वाली भाषा:
    1. अब तो कुछ हो ही नहीं सकता!
    2. मेरे पास टाइम ही नहीं बचा!
    3. क्या करूं, मुझे बहुत गुस्सा आ गया था।
  2. दोषारोपण (blaming) की भाषा:
    1. अगर वो समय पर बता देता तो मैं कर लेता।
    2. मेरे marks कम आए क्योंकि teacher ने अच्छे से नहीं पढ़ाया।
    3. घरवाले समझते ही नहीं हैं!
  3. टालने वाले (procrastinating) शब्द:
    1. कल देखेंगे यार।
    2. अब तो बहुत देर हो गई है, अब क्या फ़ायदा?
    3. अभी मन नहीं है, बाद में पढ़ लूंगा।
  4. डर और घबराहट से जुड़ी भाषा:
    1. अगर fail हो गया तो क्या होगा?
    2. पता नहीं मैं ये कर पाऊँगा या नहीं।
    3. इतना syllabus है, कहां से शुरू करूं?
  5. नकारात्मक सोच से भरी भाषा:
    1. मेरे बस की बात नहीं है।
    2. मैं तो वैसे भी हमेशा पीछे रह जाता हूँ।
    3. मेरे साथ ही हमेशा ऐसा होता है।